जल्द बनेगा किसानों की दोगुनी आय का रोडमैप
नीति आयोग की गवर्निग काउंसिल की बैठक में किसानों की आय दोगुनी करने के रोडमैप पर विस्तृत चर्चा होगी
नई दिल्ली (हरिकिशन शर्मा)। खेती की हालत सुधारने को ‘स्वायल हेल्थ कार्ड’ जैसी अनूठी योजना शुरू करने के बाद मोदी सरकार अगले पांच साल में किसानों की आय दोगुनी करने की तैयारी कर रही है। नए रोडमैप के तहत न सिर्फ किसानों को कृषि उपज का बेहतर न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध कराया जाएगा बल्कि खेती की पैदावार और उत्पादन बढ़ाने को हर साल 18.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र साल में दो फसलें लेने के लिए तैयार किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक आगामी रविवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की गवर्निग काउंसिल की बैठक में किसानों की आय दोगुनी करने के रोडमैप पर विस्तृत चर्चा होगी। राष्ट्रपति भवन में होने वाली इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री बैठक के शुरू में ही किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के इरादे के बारे में मुख्यमंत्रियों को जानकारी देंगे। इसके बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों की आय दोगुनी करने के संबंध में राज्यों के नजरिए से एक प्रजेंटेशन देंगे जबकि केंद्र की ओर से इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले उपायों की जानकारी नीति आयोग के सदस्य डॉ. रमेश चंद देंगे। इसके बाद किसानों की आय दोगुनी करने के रोडमैप पर सभी मुख्यमंत्री चर्चा करेंगे जिसका संचालन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे जो वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं। इसके बाद समापन सत्र में पीएम एक बार फिर बैठक को संबोधित करेंगे।
सूत्र ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने को कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए हर साल अच्छी क्वालिटी के बीज में 12.8 प्रतिशत वृद्धि करनी होगी जबकि खाद का इस्तेमाल सालाना 4.4 प्रतिशत बढ़ाना होगा। इसी तरह खेती को बिजली आपूर्ति में सालाना 7.6 प्रतिशत वृद्धि करनी होगी। वहीं सिंचित क्षेत्र में 17.8 लाख हेक्टेयर की वृद्धि के साथ-साथ हर साल 18.5 लाख हेक्टयर क्षेत्र को ऐसा बनाना होगा कि उसमें दो फसलें ली जा सकें। साथ ही फल और सब्जियों के बुवाई क्षेत्र को भी हर साल 5 प्रतिशत बढ़ाना होगा। इसके अलावा किसानों को उनकी उपज का उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य भी मुहैया कराने पर जोर रहेगा। सूत्रों ने कहा कि यह काम केंद्र और राज्यों को मिलकर करना होगा तथा कृषि के क्षेत्र में उदारीकरण की नीति अपनाते हुए निजी निवेश भी आकर्षित करना होगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012-13 में किसान परिवार की औसत मासिक आय मात्र 6,426 रुपये है। किसानों की 60 प्रतिशत आय कृषि से तथा 32 प्रतिशत मजदूरी से होती है। पंजाब, हरियाणा और केरल में प्रति किसान परिवार औसत मासिक आय सर्वाधिक है जबकि बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में सबसे कम है। देश में किसान परिवारों पर औसतन 47 हजार रुपये कर्ज है। कर्ज के बोझ से दबे होने के कारण देश के कई क्षेत्रों में किसान आत्महत्या करने को भी मजबूर हुए हैं।’
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