ई कॉमर्स कंपनियों को भी काटना होगा 1 फीसद टीसीएस, जानकरों ने जताई चिंता
नए GST कर के तहत दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों को आपूर्तिकर्ता को भुगतान करते समय एक फीसद की TCS कटौती करनी होगी
नई दिल्ली: स्नैपडील और अमेजन जैसी दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों को भी आपूर्तिकर्ता को भुगतान करते समय अनिवार्य रूप से 1 फीसद की टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) कटौती करनी होगी। यह प्रावधान नए जीएसटी कर के तहत लागू होगा जिसे 1 जुलाई को अमल में लाना प्रस्तावित है।
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जीएसटी काउंसिल की ओर से अंतिम रूप दिया जा चुका मॉडल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) कानून, ई-कॉमर्स ऑपरेटरों की ओर से 1 फीसद टीसीएस काटौती की मंजूरी देता है। मॉडल कानून यह बताता है कि हर इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटर, जो कि एक एजेंट नहीं है, वह एक फीसद तक टीसीएस जमा करा सकेगा, क्योंकि ऐसा जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों में अधिसूचित किया जा सकता है।
हालांकि जानकारों ने इस संभावित प्रावधान पर चिंता जताई है। जानकारों के मुताबिक ऐसा होने से सामानों के इंटर स्टेईट मूवमेंट पर भी 1 फीसद टैक्सं लगेगा, जिससे यह बढ़कर 2 फीसद तक हो जाएगा। हालांकि इन चिंता पर अधिकारियों का कहना है कि मॉडल जीएसटी में “अप टू” शब्दह का इस्तेढमाल किया गया है। इसका मतलब है कि यह टैक्सप एक फीसदी से ज्यादा नहीं होगा।
वहीं उद्योग जगत ने भी टीसीएस प्रोविजन पर चिंता जताई है। इंइस्ट्री के लोगों का मानना है कि टीसीएस के प्रावधान से लोगों का पैसा लॉकइन हो जाएगा, जिससे कारोबार पर गहरा असर पड़ेगा। इससे ऑन लाइन बिक्री करने वालों को काफी दिक्करतें पेश आएंगी। इंडस्ट्री का कहना है कि कंपनियां टीसीएस को अपने रिटर्न में दिखाएंगी लेकिन अगर कोई ग्राहक सामान वापस करता है, तो यह वास्तकव में बिक्री नहीं माना जाएगा, ऐसे मामलों में काफी दिक्कतें सामने आएंगी।