कारोबारी सुगमता के मामले में बेहतर हो रही है देश की ग्लोबल रैंकिंग
वित्त मंत्री के मुताबिक भारत में अगले एक या दो दशक तक तेज रफ्तार से आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने की क्षमता है
नई दिल्ली (पीटीआई)। सरकार की ओर से कुछ संरचनात्मक बदलावों और वैश्विक अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के कारण भारत में अगले दो दशक तक तेज रफ्तार से आगे बढ़ने की क्षमता है। अमेरिका में एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह बात कही। वाशिंगटन में अमेरिका-भारत स्ट्रैटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम के एक कार्यक्रम में जेटली ने कहा कि कुछ महीनों में यहां व्यापार करने का पूरा माहौल बदल गया है।
जेटली ने कहा, ‘भारत में अगले एक या दो दशक तक तेज रफ्तार से आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने की क्षमता है। यह मुख्यत: सरकार द्वारा किए जा रहे ढांचागत सुधारों, वैश्विक अर्थव्यवस्था में आए बदलावों और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश के बड़े मौकों के कारण हुआ है। मैं स्पष्ट तौर पर कह सकता हूं कि दुनिया में विकास की रफ्तार पटरी पर लौट रही है। जहां तक भारत की बात है, भविष्य एक महत्वपूर्ण दिशा तय करेगा। देश और अर्थव्यवस्था का विशाल आकार अगले कुछ साल में भारत में निवेश के बड़े अवसर देगा।’
जेटली ने कहा कि वर्ष 2014 में जब भाजपा की सरकार केंद्र में आई तो हमारे पास एक विकल्प था कि हम काले धन पर आधारित ‘छद्म अर्थव्यवस्था’ को चलने दें। लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। हमने कुछ साहसी कदम उठाए, जिसकी परिणति उच्च मूल्य वाले नोटों को चलन से बाहर करने के रूप में हुई। सरकार को पता था कि शुरुआत में इसका अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा लेकिन आगे चलकर यह देश के लिए फायदेमंद होगा।’
वित्त मंत्री यहां कॉरपोरेट जगत की हस्तियों और निवेशकों से रूबरू थे। भारत को निवेश के अनुकूल देश बताते हुए जेटली ने कहा कि सरकार ने कारोबारी सुगमता के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत आज दुनिया की सबसे खुली और वैश्विक तौर पर एकीकृत अर्थव्यवस्था है। पिछले कुछ साल में कारोबार सुगमता रैंकिंग में हम बेहतर हुए हैं।’
उन्होंने इस संबंध में सरकार की कुछ प्रयासों का भी जिक्र किया। सरकारी कामकाज में नई डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल और इसे लोगों के लिए लाभकारी बनाने के लिए सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। जेटली ने कहा, ‘आज की तारीख में लगभग सभी लोग बैंकिंग प्रणाली से जुड़े हैं। भारत में लगभग हर वयस्क की बायोमेटिक पहचान है। एकीकृत आंकड़े डिजिटल प्रणाली के माध्यम से हर नागरिक तक पहुंचने में सरकार की मदद करते हैं। इससे हमें अरबों डॉलर बचाने में मदद मिली है। भारत अब तकनीक का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहा है और इसने यह सुनिश्चित करने में मदद की है कि संसाधन सही तरीके से जरूरतमंद आबादी तक पहुंचे।’
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में जेटली ने कहा कि यह एक अधिक प्रभावी प्रणाली है, जिसने देश को एक करने में मदद की है। इसने देश भर में वस्तुओं एवं सेवाओं की मुक्त आवाजाही सुनिश्चित की है। हालांकि उन्होंने माना कि इससे एक या दो तिमाही में मुश्किलें रहेंगी।