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क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से बचने के लिए रखें इन बातों का ख्याल

जानिए क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से जुड़ी हर छोटी बड़ी बात और कैसे खुद को इस फ्रॉड से बचा सकते हैं

By Surbhi JainEdited By: Published: Wed, 12 Jul 2017 02:58 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jul 2017 02:58 PM (IST)
क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से बचने के लिए रखें इन बातों का ख्याल
क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से बचने के लिए रखें इन बातों का ख्याल

नई दिल्ली (जेएनएन)। अगर आप भी क्रेडिट कार्ड धारक हैं तो आप इस संभावना से इनकार नहीं कर सकते हैं कि दुनिया के लाखों लोगों की तरह ही आप भी फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं। 80 के दशक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रेडिट, डेबिट और प्री-पेड कार्ड के इस्तेमाल में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला। एक अक्टूबर 2016 नीलसन रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर इन भुगतान प्रणालियों के जरिए 2015 में 31 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की निकासी की गई। यह आंकड़ा साल 2014 के मुकाबले 7.3 फीसद ज्यादा है।

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साल 2015 के दौरान यूरोप में हर आठ खरीदारी में से सातवीं खरीदारी के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम की भुगतान प्रणाली का इस्तेमाल किया गया। हालांकि नकदी से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में शिफ्ट हुई खरीदारी के अपने अलग नुकसान भी हैं। क्रेडिट कार्ड के संबंध में कई तरह के फ्रॉड होते हैं, जो बदलती तकनीक के साथ बदलते रहते हैं इसलिए क्रेडिट कार्ड से जुड़े सभी फ्रॉड को एक स्थान पर लिस्ट करना लगभग असंभव है। लेकिन फिर भी क्रेडिट कार्ड संबंधी फ्रॉड दो तरह के होते हैं...

कार्ड नॉट प्रजेंट फ्रॉड (सीएनपी):

यह, सबसे आम प्रकार की धोखाधड़ी तब होती है जब कार्डधारक की जानकारी चोरी हो जाती है और कार्ड की फिजिकल प्रजेंस के बगैर इस तरह की धोखाधड़ी को अंजाम दे दिया जाता है। इस तरह की धोखाधड़ी आमतौर पर ऑनलाइन फिशिंग मेल के माध्यम से होती है और इसका परिणाम यह होता है कि फ्रॉड करने वाले की ओर से आपको एक फिशिंग मेल भेजा जाता है और इस मेल पर दिए गए लिंक पर क्लिक करते ही आपकी जानकारी हैकर्स के पास चली जाती है।

कार्ड प्रजेंट फ्रॉड:

इस तरह के फ्रॉड सामान्यतया: कम होते हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल अभी भी किया जा रहा है। ये आमतौर पर स्किमिंग के रूप में होता है। सेलर कंज्यूमर के क्रेडिट कार्ड को डिवाइस में स्वाइप करता है ताकि सूचनाओं को स्टोर किया जा सके। जब एक बार डेटा का इस्तेमाल खरीद के लिए कर लिया जाता है, कंज्यूमर के अकाउंट से चार्ज ले लिया जाता है।

क्रेडिट कार्ड से फ्रॉड की आशंका इसलिए और तेज हो जाती है क्योंकि यह दो चरणों की प्रक्रिया है: ऑथराइजेशन एंड सेटलमेंट।

इस तरह के फ्रॉड से कैसे बचें:

• पहला, ऐसे किसी भी मेल लिंक पर क्लिक न करें जिसमें आपसे आपकी पर्सनल डिटेल मांगी गई हो, भले ही भेजने वाला आपके संबंधित बैंक का ही क्यों न हो।

• दूसरा, ऑनलाइन माध्यम से किसी भी अनजान सेलर से कुछ भी खरीदने से पहले वेंडर का नाम गूगल पर सर्च करें और देखें कि उस पर कंज्यूमर ने किस तरह के फीडबैक दिए हैं


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