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रिजल्ट घोटाले में अब 2015 की इंटर साइंस टॉपर आस्था के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी

रिजल्ट घोटाले में एसआइटी की टीम ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। टीम के मुताबिक वर्ष 2015 में इंटर साइंस के टॉप फाइव में शामिल आस्था श्रीवास्तव की कॉपियों की जांच में भी गड़बड़ी है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 28 Jul 2016 09:31 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2016 05:51 PM (IST)
रिजल्ट घोटाले में अब 2015 की इंटर साइंस टॉपर आस्था के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी

पटना [जेएनएन]। बिहार बोर्ड के रिजल्ट घोटाले की जांच में जुटी एसआइटी ने एक और चौकाने वाला मामला उजागर किया है। उसके मुताबिक वर्ष 2015 में इंटर साइंस के टॉप फाइव में शामिल आस्था श्रीवास्तव की बॉयोलोजी की दो कॉपियां मिली हैं, एक घोटाला के मासटरमाइंड बच्चा राय के पास तो दूसरी बिहार बोर्ड में। एसआइटी ने इसके आधार पर कोर्ट से उसकी गिरफ्तारी का वारंट प्राप्त किया।

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कोर्ट ने 2015 में इंटर साइंस के टॉप फाइव में शामिल आस्था श्रीवास्तव के अलावा बच्चा राय की पत्नी संगीता, ससुर रामनगीना और उसके दो रिश्तेदारों विष्णु देव राय और राजवंशी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। पांचों की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी छापेमारी कर रही है।

उन सभी के खिलाफ इश्तेहार जारी करने के लिए एसआइटी न्यायालय से अनुरोध करेगी। पुलिस रिजल्ट घोटाले में संलिप्त 24 लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है। उन सबके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिल चुके हैं।

जीए इंटर हाईस्कूल में छापेमारी

घोटाले की जड़ जीए इंटर कॉलेज है। एसआइटी की जांच में अब स्पष्ट हो चुका है कि पूरा खेल विशुन राय कॉलेज, जीए हाईस्कूल और बोर्ड में रची गई थी। एसआइटी की एक टीम बुधवार को वैशाली में एडीओ रोड पर स्थित जीए इंटर हाईस्कूल में छापेमारी के लिए पहुंची। जीए हाईस्कूल को ही विशुन राय कॉलेज का परीक्षा केंद्र बनाया गया था। एसआइटी इस हाईस्कूल से उन परीक्षकों के बारे में जानकारी जुटाने पहुंची थी, जो परीक्षा के दौरान तैनात थे।

सौ से अधिक आरोपी

एसएसपी मनु महाराज की मानें तो जीए हाईस्कूल में परीक्षा के समय गड़बड़ी की गई थी। परीक्षा केंद्र पर एक ही नाम और पिता के नाम से दो-दो अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे थे और परीक्षक प्रवेश पत्र का मिलान किए बगैर ही हस्ताक्षर करते जा रहे थे।

आशंका है कि कुछ परीक्षक बच्चा राय और बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के इशारे पर काम किए। ऐसे परीक्षकों के खिलाफ साक्ष्य जुटाया जा रहा है। इस घोटाले में सौ से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।


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