फैसले से खुश नहीं अशोक सिंह की विधवा चांदनी, बोली- प्रभुनाथ को मिले फांसी
अशोक सिंह हत्याकांड में प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की फैसला सुनाये जाने पर चांदनी सिंह इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रभुनाथ को फांसी मिलनी चाहिए।
पटना [जेएनएन]। पूर्व विधायक अशोक सिंह की पत्नी चांदनी सिंह पति के हत्यारों को हजारीबाग की एक अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने से संतुष्ट नहीं हैं।
उन्होंने कोर्ट के फैसले पर कहा कि मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं। हत्यारों ने जिस तरह मेरे पति की हत्या ठंडे दिमाग से एक सोची-समझी साजिश के तहत की थी, उन्हें कम से कम फांसी की सजा होनी चाहिए।
चांदनी ने कहा कि मैं अपने पति के हत्यारों को सजा दिलाने की लड़ाई पिछले 22 वर्षों से लड़ रही हूं। अभी भी थकी नहीं हूं। प्रभुनाथ सिंह समेत अन्य दो हत्यारों को अदालत जबतक फांसी की सजा नहीं सुनाती, तब तक अपनी लड़ाई लड़ती रहूंगी।
मंगलवार को हजारीबाग कोर्ट का फैसला आने के बाद भी राजीव नगर स्थित चांदनी सिंह के किराए के मकान पर सन्नाटा पसरा रहा। वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे।
बता दें कि राजीव नगर स्थित एक किराए के मकान में चांदनी सिंह अकेली रहती हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब मुझे किसी से डर नहीं लगता। उन्होंने कहा कि मैं इस मुकदमें में पूर्व विधायक केदार सिंह और सुधीर सिंह को अदालत द्वारा बरी किए जाने के खिलाफ भी ऊपरी अदालत में याचिका दायर करूंगी।
साथ ही प्रभुनाथ सिंह, दीनानाथ सिंह और रितेश मुखिया को फांसी की जगह आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के खिलाफ भी अपनी आगे की लड़ाई लड़ती रहूंगी।
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बता दें कि 3 जुलाई,1995 को मशरक विधानसभा क्षेत्र से जनता दल के विधायक अशोक सिंह की पटना स्थित उनके सरकारी आवास में तब बम मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वे अपने बंगले की लॉन में प्रभुनाथ सिंह के छोटे भाई दीनानाथ सिंह और रितेश मुखिया के साथ बातचीत कर रहे थे। इस हत्याकांड में चांदनी सिंह मुख्य गवाह भी हैं।
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