इम्तहां हो रही इंतजार की
केजी रेलखंड पर यात्री ट्रेनों के परिचालन का कोई समय-सीमा नहीं रह गई है। रात की ट्रेन अगली सुबह हो पहुंच रही है
नवादा। केजी रेलखंड पर यात्री ट्रेनों के परिचालन का कोई समय-सीमा नहीं रह गई है। रात की ट्रेन अगली सुबह हो पहुंच रही है तो सुबह की ट्रेन शाम को। ट्रेनों के विलंब से परिचालित होने से यात्रियों को भारी परेशानियां उठानी पड़ रही है। मालगाड़ियों के ज्यादा परिचालन से पैसेंजर ट्रेनों पर असर पड़ा है। करीब दो माह से इस रेलखंड पर प्रतिदिन 14 से 16 मालगाड़ियों का रैक आना-जाना हो रहा है। जिसके कारण पैसेंजर ट्रेनों का कोई निर्धारित समय नहीं रह गया है।
आठ जोड़ी यात्री ट्रेनों का होता है परिचालन
करीब 130 किमी लंबी रेलखंड पर आठ जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होता है। वर्तमान स्थिति यह है कि सभी पैसेंजर ट्रेन आठ से बारह घंटे विलंब से चल रही है। यहां तक की सुबह की ट्रेन शाम में और शाम की ट्रेन सुबह पहुंच रही है। जिसके कारण यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए ट्रेन के इंतजार में दिनोंभर बैठना पड़ रहा है। ट्रेनों के विलंब से परिचालन होने की वजह से इस रेलखंड पर यात्रा करना काफी मुश्किल हो गया है।
ट्रेनें यात्रियों के लिए नहीं हो रही कारगर
केजी रेलखंड पर गया-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन को छोड़कर सात जोड़ी पैसेंजर ट्रेन का परिचालन हो रहा है। इसके अलावा तीन साप्ताहिक ट्रेनों में कामख्या एक्सप्रेस, दरभंगा-सिकंदराबाद व रक्सौल-हैदराबाद एक्सप्रेस का परिचालन हो रहा है। इस रेलखंड पर यात्रियों की संख्या अधिक है। पैसेंजर ट्रेनों के विलंब से चलने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। 53629 अप किउल-गया पैंसेंजर को शनिवार की शाम 4 बजे की बजाय रविवार की सुबह 8:20 बजे नवादा स्टेशन पहुंची। इसी प्रकार 53630 डाउन गया-किउल पैंसेंजर रात 8:45 बजे की बजाय अगले दिन के 11 :30 बजे पहुंची। 53631 अप किउल-गया पैसेंजर ट्रेन रात के 7:55 की बजाय अगले दिन 12:10 बजे पहुंची। अन्य ट्रेनों का भी यही हाल है।
परेदशी बाबुओं को हो रही परेशानी
- लोक आस्था का महापर्व छठ की समाप्ति के बाद यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है। किसी को गया तो किसी को किउल जाकर लंबी दूरी की ट्रेन पकड़नी होती है तो उन्हें मुश्किलें उठानी पड़ रही है। दिल्ली, मुंबई व अन्य शहरों में रहकर काम करने वाले लोग पर्व को लेकर अपने घर आए थे। अब उन्हें लौटना है। उन्हें गया व किउल तक जाकर ट्रेन पकड़ना होता है।
कहां है पेंच
-विभागीय सूत्र बताते हैं कि अधिक आमदनी को लेकर रेलवे पैसेंजर ट्रेनों पर कम व मालगाड़ी पर अधिक ध्यान दे रही है। यह स्थिति आने वाले कुछ माह तक बनी रहने की संभावना है। तिलैया-राजगीर रेलखंड का विद्युतीकरण के बाद ही यात्री ट्रेनों के परिचालन में कुछ सुधार की गुंजाइश बनेगी। उक्त रेलखंड के विद्युतीकरण के बाद कुछ मालगाड़ी का परिचालन तिलैया से राजगीर रूट में किया जाना है।
कहते हैं यात्री
- मुंबई से आसानी से गया पहुंच गया। लेकिन यहां आने के बाद पैंसेंजर ट्रेन के लिए चार घंटे इंतजार करना पड़ा। जिसके कारण काफी परेशानी हुई। रेलवे के पदाधिकारियों को इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
सौरभ कुमार, पकरीवरावां।
- सामान की खरीदारी के लिए नवादा आए थे। घर लौटने के लिए तीन घंटे से स्टेशन पर इंतजार करने के बाद भी ट्रेन नहीं मिल सका है। यात्रियों की सुविधा पर रेलवे प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
रेखा कुमारी, बजरंग बिगहा, काशीचक।
इस रेलखंड पर मालगाड़ी के परिचालन से पैंसेंजर ट्रेन काफी विलंब से चल रही है। जिसके कारण पैसेंजर ट्रेनों में सफर करने वाले ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों को परेशानी होती है। आवश्यक काम के लिए नवादा आया था। लेकिन ट्रेन के विलंब रहने से दो घंटे से स्टेशन पर इंतजार करना पड़ रहा है।
अनिल कुमार, कोरमा, वारिसलीगंज।
- वारिसलीगंज जाने के लिए तीन घंटे से ट्रेन का इंतजार करना पड़ रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
रीता देवी, ओहारी।
कहते हैं अधिकारी
- विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर केजी रेलखंड पर मालगाड़ियों का परिचालन हो रहा है। इस रेलखंड पर 14 से 16 मालगाड़ियों का रैक प्रतिदिन परिचालित हो रही है। यात्रियों की परेशानी को देखते हुए विभाग के उच्च पदाधिकारियों को अवगत कराया गया है।
आईडी चौधरी, स्टेशन प्रबंधक, नवादा।