ट्रेनों से गंदगी भरा सफर
रेलवे का एक टैग लाइन है, मुस्कान के साथ यात्रा।
मुजफ्फरपुर। रेलवे का एक टैग लाइन है, मुस्कान के साथ यात्रा। लेकिन, यह कैसे संभव होगा जब ट्रेनों की बोगियों में गंदगी भी साथ-साथ चल रही हो। शौचालय व बेसिन में भरपूर गंदगी हो। कंपार्टमेंट में सीट फटी हो, गर्मी में पंखे नहीं चल रहे हो।
शुक्रवार को जब ट्रेनों की पड़ताल की गई, तो ऐसी तमाम बातें सामने आई। जयपुर-कामाख्या, सप्तक्रांति, गोदिंया, ग्वालियर मेल, डेमू, अवध असम एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों में ऐसा ही हाल दिखा। ऐसा लग रहा था कि इनकी महीनों से साफ-सफाई नहीं की गई है। ग्वालियर मेल के स्लीपर में सफर करने वाले महेश व सरोज बताते हैं कि बोगी में चारों ओर कचरा पसरा है। ट्रेन में सफाई करने वाले कर्मी को बुलाया गया, लेकिन दो घंटे बाद तक नहीं आया। अवध असम के यात्री जितेंद्र कुमार व मंजू देवी बताते हैं कि बेसिन इतना गंदा है कि हाथ साफ करने में भी संकोच होता है। बोगी में पानी नहीं है। शौचालय गंदा है। उसमें पानी भी नहीं है। गोंदिया एक्सप्रेस के यात्री अमित कुमार व शर्मिला देवी की भी ऐसी ही पीड़ा रही।
कहते हैं कि पूरा किराया तो लिया जाता है, लेकिन सुविधा नदारद रहती है। सफाई के नाम पर खानापूरी की जाती है। सप्तक्रांति एक्सप्रेस की एसी बोगी में सफर करने वाले अमर कुमार व ललन कुमार कहते हैं कि जब इस बोगी का ये हाल है, तो बाकी का कौन पूछ पूछता है। यहां तो शौचालय के केबिन पास ही पानी बह रहा है। एसी में आराम के लिए सफर करते हैं, लेकिन जहां बैठिए वहीं गंदगी रहती है।