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वाईलेग पर नियमित रेल परिचालन का मिलेगा तोहफा

मुंगेर। इंतजार की घड़ियां अब समाप्त होने वाली है। अब अंग प्रदेश से कोसी और मिथिलांचल का सफर आसान हो जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Aug 2017 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 03 Aug 2017 03:01 AM (IST)
वाईलेग पर नियमित रेल परिचालन का मिलेगा तोहफा
वाईलेग पर नियमित रेल परिचालन का मिलेगा तोहफा

मुंगेर। इंतजार की घड़ियां अब समाप्त होने वाली है। अब अंग प्रदेश से कोसी और मिथिलांचल का सफर आसान हो जाएगी। क्योंकि, मालदा मंडल की महत्वपूर्ण रेल परियोजना वाईलेग होकर अब नियमित रेल परिचालन शुरू होने की उम्मीद जग गई है। वाईलेग होकर मुंगेर गंगा पुल के रास्ते सवारी और एक्सप्रेस ट्रेन के नियमित परिचालन की कवायद तेज कर दी गई है। पूर्व रेल मुख्यालय से लेकर रेलवे बोर्ड तक वाईलेग से नियमित रेल परिचालन शुरू करने के लिए मंथन में जुट गया है। इसी माह के अंत या सितंबर से ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। पांच अगस्त को पूर्व रेलवे के जीएम जमालपुर आ रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो वाईलेग को लेकर कुछ घोषणा कर सकते हैं।

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अभी वाई लेग होकर सहरसा से देवघर के बीच ट्रॉयल के तौर पर सावन स्पेशल का परिचालन हो रहा है। इस रास्ते से ट्रेन के गुजरने के बाद वाईलेग का ट्रॉयल भी पूरा हो गया है। 25 दिनों से चल रही श्रावणी मेला एक्सप्रेस के परिचालन में अब तक कोई परेशानी नहीं आई है। पूर्व रेलवे ने वाई लेग पर सवारी गाड़ियों का परिचालन शुरू करने को लेकर अपनी रिपोर्ट रेलमंत्रलय को भेज दी है। रेलवे बोर्ड में ट्रेनों के परिचालन और समय निर्धारण को लेकर विचार विमर्श चल रहा है। सबकुछ ठीक रहा, तो वाई लेग पर रेल परिचालन को लेकर शीघ्र ही हरी झंडी भी मिल जाएगी। रेलवे के अधिकारी ने कहा कि पूर्व रेलवे का एक महत्वपूर्ण परियोजना है। वाई लेग पर ट्रेन का परिचालन शुरु कराने को लेकर अधिकारी पूरी तरह से सजग हैं। इससे जहां उत्तर बिहार और पूर्व बिहार के रेल यात्रियों को सुविधा होगी। बल्कि रेलवे के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

वाईलेग निर्माण के पीछे रेलवे का उद्देश्य

रतनपुर और आशिकपुर के बीच बने 710 मीटर की लंबी रेल लाइन सीधे मुंगेर स्टेशन को जोड़ती है। रेलवे ने इसका निर्माण इसलिए किया है कि मुंगेर गंगा पुल होकर उत्तर बिहार से भागलपुर और भागलपुर से उत्तर बिहार की तरफ ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाता है तो उन गाड़ियों का परिचालन जमालपुर के रास्ते न होकर सीधे रतनपुर के पास मेन लाइन से हो। क्योंकि जमालपुर होकर ट्रेन गंगा पार जाएगी तो इंजन बदलने का झंझट रहेगा। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि जमालपुर स्टेशन पर दवाब भी कम होगा। जब भी उत्तर बिहार जाने वाली गाड़ियां सुरंग के बाद सीधे मुंगेर स्टेशन की ओर चली जाएगी।


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