कार के टायर्स में भरिये ये वाली हवा, फिर देखिये कमाल
क्या आप जानते है आखिर टायर्स में नार्मल एयर की जगह नाइट्रोजन एयर भरवाने के लिए क्यों कहा जाता है? ख़ासतौर पर हाइवे पर
नई दिल्ली: कार या बाइक के टायर्स में नाइट्रोजन एयर भरवाने के बारे में अक्सर सुनने में आता है। अगर अपने गौर किया हो तो मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे के साथ कई हाइवे पर टायरों में नॉर्मल एयर की जगह नाइट्रोजन गैस भरने की सलाह दी गई थी। और हम उस बात को नज़रअंदाज़ कर देते है लेकिन क्या आप जानते है आखिर टायर्स में नार्मल एयर की जगह नाइट्रोजन एयर भरवाने के लिए क्यों कहा जाता है? ख़ासतौर पर हाइवे पर, जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में।
कार हो या बाइक टायर्स में नॉर्मल एयर फ्री में भरी जाती है। जबकि नाइट्रोजन एयर भरवाने में आपको 43 से 50 रुपये प्रति टायर के हिसाब से देना होता है। महंगी होने के बावजूद नाइट्रोजन एयर के कई फायदे भी है।
नॉर्मल एयर के साथ आर्द्रता (Humidity) जैसी समस्या रहती है, जिससे गाड़ी के टायर्स को नुकसान होने की पूरी संभावना रहती है साथ ही टायर्स के प्रेशर पर भी असर पड़ता है इतना ही नहीं टायर में लगी रिम या एलाय व्हील पर भी इसका गलत असर पड़ता है।
वही नाइट्रोजन एयर के इस्तेमाल से टायर में जो ऑक्सीजन मौजूद रहती है वो डाल्यूट हो जाती है साथ ही साथ आक्सीजन में मौजूद पानी की मात्रा को भी खत्म कर देती है। इसका फायदा यह भी होता है की टायर के रिम को नुकसान नहीं पहुंचता।
नाइट्रोजन एयर के इस्तेमाल से टायर की लाइफ बढ़ जाती है, साथ ही माइलेज भी बेहतर रहती है। इतना ही नहीं सेफ्टी, हैंडलिंग के लिहाज से भी नाइट्रोजन एयर
नार्मल एयर की तुलना में नाइट्रोजन एयर लम्बे समय तक टिकती है और बार-बार फिलिंग करने की जरूरत नहीं होती और इसलिए फॉर्मूला वन रेस में चलने वाली हर गाड़ी की टायर में नाइट्रोजन एयर का ही इस्तेमाल किया जाता है।