रेडी गो 1.0L Vs ऑल्टो K10 Vs क्विड 1.0L, जानें कौन है किससे बेहतर
रेडी-गो अब 1000cc इंजन में आ चुकी है जबकि मारुति की ऑल्टो K10 और रेनो की क्विड 1.0L इस सेगमेंट में पहले से ही मौजूद हैं, आइये जानते हैं रेडी-गो इन दोनों से कितनी अलग है
नई दिल्ली (बनी कालरा)। 800cc इंजन के बाद अब 1000cc इंजन वाली छोटी कारों का बाजार अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है। इस सेगमेंट में मारुति सुजुकी ऑल्टो K10 1.0L, रेनो क्विड 1.0L पहले से ही मौजूद हैं, वही 800cc रेडी-गो की कामयाबी को देखते हुए कंपनी ने अब इस कार को भी नये 1000cc इंजन में पेश कर दिया है। 26 जुलाई को यह कार भारत में लॉन्च हो जाएगी तब इसकी कीमत का खुलासा होगा। रेडी-गो 1.0 लीटर दो वेरिएंट T(O) और S में मिलेगी। आइये जानते हैं नई रेडी-गो, ऑल्टो K10 और क्विड से कितनी अलग है।
पावर स्पेसिफिकेशन:
डैटसन रेडी-गो 1.0 लीटर
- इंजन: 999cc
- पावर: 68PS
- टॉर्क: 91Nm
- गियरबॉक्स: 5 स्पीड मैन्युअल
- माइलेज: 22.5 kmpl
मारुति सुजुकी ऑल्टो K10
- इंजन: 998cc
- पावर: 68PS
- टॉर्क: 90Nm
- गियरबॉक्स: 5 स्पीड मैन्युअल
- माइलेज: 24.07 kmpl
रेनो क्विड 1.0 लीटर
- इंजन: 999cc
- पावर: 68PS
- टॉर्क: 91Nm
- गियरबॉक्स: 5 स्पीड मैन्युअल
- माइलेज: 23.01 kmpl
इन सभी कारों में 1.0 लीटर का इंजन दिया गया है, लेकिन यहां पर क्विड और रेडीगो में एक ही इंजन का इस्तेमाल हुआ है, लेकिन इनकी माइलेज के मामले में फर्क बहुत ज्यादा नहीं हैं। जबकि इस मामले में ऑल्टो K10 थोड़ी सी आगे है। लेकिन यहां एक Nm कम टॉर्क के साथ ऑल्टो K10 पीछे है। रेडी-गो को छोड़कर ऑल्टो K10 और क्विड में मैन्युअल ट्रांसमिशन के अलावा ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन की भी सुविधा दी गयी है। उम्मीद की जा रही है की रेडी-गो में भी जल्द ही AMT की सुविधा दी जाएगी।
सेफ्टी में कौन किससे बेहतर
सेफ्टी फीचर्स की बात करें तो यहां इन तीनों कारों में केवल ड्राइवर साइड एयरबैग की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा ऑल्टो K10 में ड्राइवर सीट बेल्ट वार्निंग फीचर भी मौजूद है। जबकि रेडी-गो में डे-टाइम रनिंग लाइटें दी गई हैं।तो वही क्विड में फ्रंट सीट बेल्ट प्री-टेंशनर्स और लोड लिमिटर्स की सुविधा दी गई है। तीनों कारों में 13 इंच के व्हील दिए गए हैं, क्योकिं 12 इंच के मुकाबला 13 इंच के व्हील्स रोड पर ज्यादा बेहतर साबित होते हैं।
फीचर्स में कौन आगे
तीनों ही कारों में एंटरटेंमेंट सिस्टम मिलेगा, लेकिन यहां क्विड में ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ नेविगेशन सपोर्ट करने वाला 7 इंच टचस्क्रीन इंफोटेंमेंट सिस्टम भी दिया गया है। जबकि रेडी-गो और ऑल्टो के-10 में बेसिक इंफोटेनमेंट मिलेगा। ये सभी कारें केवल 2 फ्रंट स्पीकर्स के साथ ही आती हैं। तीनों कारों में AC को स्टैंडर्ड रखा गया है, जबकि फ्रंट पावर विंडो सभी कारों के टॉप वेरिएंट में दी गई है। इसके अलावा तीनों ही कारों में गियर शिफ्ट इंडिकेटर्स भी स्टैंडर्ड दिए गए हैं।
स्पेस
इन तीनों कारों पर दावा किया जा है कि, 5 लोगों के बठने की सुविधा मिलेगी, लेकिन जब हमनें इन तीनों कारों के स्पेस को चेक किया तो जाना की इस सेक्शन में रेनो की क्विड, ऑल्टो K10 और रेगी-गो से थोड़ा बेहतर रही। क्विड में तीन लोग पिछली सीट पर आसानी से बैठ सकते हैं। जबकि ऑल्टो K10 और रेगी-गो में थोड़ी दिक्कत होती है। लेकिन तीनों ही कारों की सीटें अच्छी हैं, जिससे बॉडी को सपोर्ट मिलता है। लेगरूम और हेडरूम में ऑल्टो K10, क्विड और रेडी गो से पीछे है। 180mm ग्राउंड क्लेरेंस और 300लीटर का बूट स्पेस क्विड में मिलेगा, जोकि ऑल्टो K10 और रेडी-गो से ज्यादा है।
कीमत
ऑल्टो K10 के AMT मॉडल की दिल्ली में एक्स शो रूम कीमत 3.30 लाख रुपये से 4.09 लाख रुपये तक जाती है। जबकि क्विड ऑटोमेटिक की कीमत 3.49 लाख रुपये से लेकर 4.24 लाख रुपये तक जाती है। लेकिन भी रेडी-गो की कीमत इसके लॉन्च पर ही पता चलेगी, अनुमान है कि कार की कीमत 3.25 लाख रुपए से लेकर 4 लाख रुपए हो सकती है।
आफ्टर सेल्स सर्विस सेंटर
डैटसन के भारत में 119 सर्विस सेंटर हैं। जबकि रेनो के 230 सर्विस सेंटर हैं। इसके अलावा मारुति सुजुकी के सबसे ज्यादा 3225 सर्विस सेंटर हैं।
यहां पर ये तीनों ही कारें फीचर्स, स्पेस और लुक्स के मामले में थोड़ी सी अलग हैं लुक्स के मामले में क्विड एक कदम आगे है लेकिन रेडी-गो का लुक्स भी स्पोर्टी है और यह कार यूथ को काफी पसंद भी आ रही है। वही ऑल्टो K10 का डिजाइन साफ सुथरा है यह कार न ज्यादा स्टाइलिश है और न ही ज्यादा स्पोर्टी है। इस तरह का डिजाइन फैमिली क्लास को ज्यादा आकर्षित करता है। बेहतर आफ्टर सेल्स सर्विस के मामले मारुति सुजुकी आगे है, वही रेनो और डैटसन को आफ्टरसेल्स सर्विस के मामले अभी बहुत काम करना है।
क्या कहते हैं ऑटो एक्सपर्ट
ऑटो एक्सपर्ट टूटू धवन बताते हैं कि आजकल कार कपनियां अच्छी गाड़ियां बना रही हैं लेकिन सर्विस नेटवर्क कम होने की वजह से कई बार ग्राहकों को दिक्कतें आती हैं। इस मामले में मारुति सुजुकी के बड़े सर्विस नेटवर्क होने की वजह से दिक्कत नहीं होती । साथ ही स्पेयर्स पार्ट्स भी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। अब चूंकि सभी कार कंपनियां अच्छे मॉडल्स बना रही हैं तो ऐसे में ग्राहकों को उसी कंपनी की कार खरीदनी चाइये जिसकी आफ्टर सेल्स सर्विस भी अच्छी हो।